पानी का प्रवाह आतों तक पहुचाने के लिए एनिमा पात्र को 3 से 4 फुट की ऊंचाई पर रखना चाहिए। गुदाद्वार में लगाने से पूर्व कैथेटर के सिर पर नारियल का तेल लगा देना उचित रहेगा।
आंतों में पानी पहुंच जाने के बाद रोगी को दाएं बाएं करवट लेकर 5 मिनट तक पानी को रोककर रखना है।
इस दौरान पेट पर हल्की मालिश की जा सकती है इसके बाद शौच के लिए जाना चाहिए।
मल त्याग के समय आंतों पर अधिक जोर नहीं देना चाहिए । पानी को स्वाभाविक रूप से ही निकलने देना चाहिए।
एनीमा लेते समय क्या सावधानिया लेनी चाहिए ?
एनीमा के इस्तेमाल किया जाने वाला पानी और पात्र पूर्ण रूप से स्वच्छ हो ।
पात्र अच्छी प्रकार से साफ करना जाहिए जिससे वह स्वच्छ एवं कीटाणु रहित हो जाए ।
सामान्यतः पात्र को साफ करने के लिए नीम के पत्तियों को उबाल कर उसके पानी से साफ करना उचित रहेगा ।