1.0 प्रस्तावना:
आज हम सहज ज्ञान के माध्यम से एक और महान प्रतिभावन व्यक्ति के बारे मे जानेंगे । श्रीनिवास रामानुजन The man who knows infinity एक महान गणितज्ञ थे । जैसा की हम जानते है भारत एक महान देश है । भारत के जहा शून्य और दशमलव का अविस्कार हुआ वही पर योगा और आयुर्वेद के माध्यम से लोगों को निरोग रहने का गुण बताया । यहा तक की सुबह के समय पानी पीने के होने वाले लाभ जिसको की उषापन कहते है के लाभ बताया वही पर पर खानपान को लेकर सलाह भी दिया जिससे हमारी दिनचर्या और सेहत अच्छी बनी रहे ।
आदिकाल से ही यहा अनेकों महापुरुषों ने जन्म लिया और विज्ञान ,साहित्य कला और गणित के क्षेत्र मे अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और मानवता हो आगे बढ़ाया । इसी श्रेणी मे आज हम गणित के क्षेत्र मे भारतीयों के द्वारा दिए गए योगदान को समझेंगे । आज हम जिस महान भारतीय गणितज्ञ की बात करने वाले है उनका नाम श्रीनिवास रामानुजन है । जिन्होंने गणितीय विश्लेषण, संख्या सिद्धांत, अनंत श्रृंखला, और निरंतर भिन्न, गणितीय समस्याओं के समाधान सहित, जिन्हें तब असाध्य माना जाता था मे एक महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
2.0 भारत के महान गणितज्ञ कौन कौन से है ? List of famous mathematicians in India in hindi ?
श्रीनिवास रामानुजन के बारे मे जानने से पहले हम ये भी जान ले की भारत के महत्वपूर्ण गणितज्ञ कौन-कौन ( Who are famous mathematicians of India) से थे । अलग-अलग काल खंड मे ढेर सारे गणितज्ञ हुए यह लिस्ट इतनी लंबी है की सभी का नाम लिखना संभव नहीं होगा । लेकिन फिर भी कुछ गणितज्ञ की लिस्ट (top 10 Indian mathematician) यहा है ।
- ब्रह्मगुप्त
- आर्यभट्ट
- पाणिनी
- भद्रबाहु
- आर्यभट्ट II
- भास्करा
- भास्करा II
- सोमेशस्वरा
- गोवन्दस्वामी
- श्रीनिवास रामानुजन
- 1.0 प्रस्तावना:
- 2.0 भारत के महान गणितज्ञ कौन कौन से है ? List of famous mathematicians in India in hindi ?
- 3.0 श्रीनिवास रामानुजन कौन थे? Who was श्रीनिवास Ramanujan in hindi ?
- 4.0 श्रीनिवास रामानुजन शिक्षा | Srinivasa Ramanujam education in hindi ?
- 5.0 रामानुजन का प्रोफेसर जी एच हार्डी से संपर्क | Ramanujan's interaction to Professor G H Hardy.
- 6.0 श्रीनिवास रामानुजन का गणित में योगदान क्या था ? What was the Srinivasa Ramanujan contributions to mathematics in hindi ?
- 7.0 राष्ट्रीय गणित दिवस कब और क्यों मनाया जाता है | Why and when National Mathematics day is celebrated in India.
- 8.0 श्रीनिवास रामानुजन को गणित का genius क्यों कहते है? Why is Srinuvasa Ramanujan told as Mathematics genius?
- 9.0 श्रीनिवास रामानुजन के जीवन से संबंधित फिल्मे कौन सी है | What are the names of movie on Srinavasa Ramanujan life.
- रामानुजन , 2014 –
- The man who knows infinity, 2015
- 10. 1729 को श्रीनिवास रामानुजन का जादुई संख्या क्यों कहते है | Why is 1729 called Ramanujan magic number ?
- 11. श्रीनिवास रामानुजन सारांश | Srinivasa Ramanujan summary
3.0 श्रीनिवास रामानुजन कौन थे? Who was श्रीनिवास Ramanujan in hindi ?
श्रीनिवासन रामानुजन एक भारतीय गणितज्ञ थे जिनका जन्म 22 दिसंबर 1887 मे ब्रिटिश राज मे भारत मे इरोड ,तमिलनाडू मे हुआ था । इनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार मे हुआ था । उनके पिता, कुप्पुस्वामी श्रीनिवास अयंगर, मूल रूप से तंजावुर जिले के रहने वाले थे, एक साड़ी की दुकान में क्लर्क के रूप में काम करते थे,और माता कोमलातम्मल, एक गृहिणी थीं और एक स्थानीय मंदिर में गाती थीं। श्रीनिवासन रामानुजन की मृत्यु 32 वर्ष की आयु में 26 अप्रैल 1920 में हो गया ।
4.0 श्रीनिवास रामानुजन शिक्षा | Srinivasa Ramanujam education in hindi ?
1906 में रामानुजन मद्रास गए जहाँ उन्होंने पचैयप्पा के कॉलेज में प्रवेश लिया। उनका उद्देश्य प्रथम कला परीक्षा उत्तीर्ण करना था जिससे उन्हें मद्रास विश्वविद्यालय में प्रवेश मिल सके। वह गणित में उत्तीर्ण हुए लेकिन अपने अन्य सभी विषयों में अनुत्तीर्ण होने के कारण परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गए जिसकी परिणाम स्वरूप मद्रास विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं मिल सका ।
रामानुजन जब 16 वर्ष के थे उस समय उन्होंने एक मित्र से G. S. Carr’s की एक पुस्तक A Synopsis of Elementary Results in Pure and Applied Mathematics, के 5,000 प्रमेयों के संग्रह की एक पुस्तकालय प्रति प्राप्त किया । श्रीनिवास रामानुजन ने इस पुस्तक का गहन अध्ययन किया और कहा जाता है की श्रीनिवास रामानुजन के जीवन का एक महत्वपूर्ण निर्णायक मोड था जिससे उनके जीवन मे गणित के प्रति रुचि प्राप्त हुई । अगले वर्ष, रामानुजन ने स्वतंत्र रूप से बर्नौली संख्याओं का विकास और जांच की और 15 दशमलव स्थानों तक यूलर-माशेरोनी स्थिरांक की गणना की।
रामानुजन ने गणितीय विचारों को 1910 में अण्डाकार मॉड्यूलर समीकरणों के बीच संबंधों को विकसित किया। 1911 मे उन्हे जर्नल ऑफ द इंडियन मैथमैटिकल सोसाइटी बर्नौली नंबरों पर एक शानदार शोध पत्र के प्रकाशन के बाद पहचान मिली । विश्वविद्यालय की औपचारिक शिक्षा की कमी के बावजूद भी वो मद्रास क्षेत्र मे गणितीय प्रतिभा के रूप में प्रसिद्ध हो रहे थे ।
5.0 रामानुजन का प्रोफेसर जी एच हार्डी से संपर्क | Ramanujan’s interaction to Professor G H Hardy.
1912 मे पोर्ट ट्रस्ट मे एक क्लर्क के रूप मे कार्य करते समय उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन मे ई डब्ल्यू हॉब्सन और एच एफ बेकर को अपने लिखे हुए शोध भेजे लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया । इसके बाद जनवरी 1913 में जी एच हार्डी को उनकी 1910 की पुस्तक ऑर्डर्स ऑफ इनफिनिटी की एक प्रति देखने के लिए लिखा। रामानुजन ने अपने पत्र मे अपने किए गए कार्यों को इस प्रकार लिखा ।
रामानुजन ने 17 मार्च 1914 को लंदन के लिए प्रस्थान किया वह प्रोफेसर जी एच हार्डी के साथ मिलकर अनेकों शोध किया और पेपर पब्लिश किया । आगे आने वाले लेख मे हम जानेंगे लंदन मे उन्होंने क्यों शोध किया ।
6.0 श्रीनिवास रामानुजन का गणित में योगदान क्या था ? What was the Srinivasa Ramanujan contributions to mathematics in hindi ?
गणित में ज्यादा औपचारिक शिक्षा नहीं होते हुए भी रामानुजन का गणित में महत्वपूर्ण योगदान है । उन्होंने गणितीय विश्लेषण, संख्या प्रणाली, infinite series मे अनेकों शोध किए । रामानुजन के गणित में शोध शुरुआती समय मे अपने मे अलग थलग थे इसलिए दूसरे लोगों को समझने में परेशानी होती थी क्यों ज्यादातर शब्द terms उनके अपने आविष्कार किए हुए थे । उनके द्वारा आविष्कार किए गए theorems निम्न है
- Ramanujan conjecture
- Ramanujan Prime
- Ramanujan-Doldner constant
- Ramanujan Theta Function
- Ramanujan Sum
- Landau Ramanujan Constant
- Mock Theta Function
- Ramanujan Master Theorem
- Hardy-Ramanujan aasymptotic formula
- Ramanujan-Sato series
7.0 राष्ट्रीय गणित दिवस कब और क्यों मनाया जाता है | Why and when National Mathematics day is celebrated in India.
22 दिसंबर को श्रीनिवास रामानुजन का जन्म हुआ था उनकी स्मृति में हर वर्ष 22 दिसम्बर को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है. इसकी घोषणा 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के मद्रास विश्वविद्यालय के भ्रमण के समय प्रधानमंत्री द्वारा की गई थी.
8.0 श्रीनिवास रामानुजन को गणित का genius क्यों कहते है? Why is Srinuvasa Ramanujan told as Mathematics genius?
रामानुजन को कोई भी गणित का प्रारंभिक शिक्षा नहीं मिली थी उसके बावजूद भी उनका गणित में सहयोग सर्वोत्तम है उनके द्वारा विकसित किए गए सिद्धांत साधारण गणितज्ञों के समझ के परे है । 32 साल की उम्र मे गणित मे इतना सारा योगदान कोई genius या प्रतिभावन व्यक्ति ही कर सकता है । उनके द्वारा खोजे गए theorems पर आज भी शोध जारी है ।
9.0 श्रीनिवास रामानुजन के जीवन से संबंधित फिल्मे कौन सी है | What are the names of movie on Srinavasa Ramanujan life.
अब अगर इतने महान गणितज्ञ की बात चल रही है तब ये भी जन लेते है क्या श्रीनिवास रामानुजन के जीवन पर कोई फिल्म बनी है Is there any movie on Ramanujan? वैसे तो रामानुजन के ऊपर ढेरों फ़िल्में बनी उनमे से कुछ फ़िल्में निम्न है
रामानुजन , 2014 –
रामानुजन भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जीवन पर आधारित 2014 की एक जीवनी पर आधारित फिल्म है। यह फिल्म ज्ञान राजशेखरनी द्वारा लिखित एवं निर्देशित है और इसका निर्माण श्रीवत्सन नदाथुर सुशांत देसाई शरण्यान नदाथुर सिंधु राजशेखरन ने किया है ।
The man who knows infinity, 2015
यह फिल्म Robert Kanigel के 1991 मे लिखी पुस्तक “The man who knew infinity” पर आधारित है । यह फिल्म श्रीनिवास रामानुजन के जीवन और उनके अकादमिक करियर की कहानी के बारे मे है, और उनके गुरु और मित्र , प्रोफेसर जी.एच. हार्डी के संबंध मे बनाई गई है ।
10. 1729 को श्रीनिवास रामानुजन का जादुई संख्या क्यों कहते है | Why is 1729 called Ramanujan magic number ?
Why 1729 is a special number
1729 को हार्डी- रामानुजन नंबर कहा जाता है । रामानुजन जब हॉस्पिटल में भर्ती थे तब हार्डी ने बताया कि वो टैक्सी नंबर 1729 से आए हैं। रामानुजन ने संख्या 1729 की विशेषता बताते हुए बताया कि 1729 एक सबसे छोटी संख्या है जिसे दो अलग अलग घनो के योग के रूप मे दो अलग अलग तरीके से व्यक्त किया जा सकता है।
1729 संख्या 10 और 9 के घनो का योग है।
10^3 +9^3=1000+729=1729
1729 संख्या 1 और 12 के घनो का योग है।
1^3+12^3=1+1728=1729
1729 में दो संख्याओं को जोड़ने पर परिणाम मिलता है।
11. श्रीनिवास रामानुजन सारांश | Srinivasa Ramanujan summary
भारत मे गणितज्ञों की कोई कमी नहीं है. रामानुजन को गणित में प्रारंभिक ज्ञान नहीं होने के बावजूद भी अपनी रुचि के आधार पर उन्होंने अपना एक स्थान बनाया. उनके खोजे हुए गणितीय सिद्धांत आज भी बड़े बड़े गणितज्ञों के लिए एक पहेली है. रामानुजन के बारे मे बताया गया की उन्होंने अनंत या infinite की व्याख्यान किया (who invented infinity in India) और अपने mathematical theory में उपयोग किया । रामानुजन का जीवन कष्टों से बीता क्योंकि इंग्लैंड में रहते हुए उन्हें TB (Tuberculosis) की बीमारी हो गई । जिसकी वजह से उन्हें वापस आना पड़ा । जनवरी 1920 में उन्होंने अपने मित्र और गुरु को अंतिम पत्र लिखा और बताया कि अभी भी वो नए गणितीय सिद्धांतो और विचारों पर कार्य कर रहे है । 1920 में उनकी मृत्यु के बाद उनकी खोई हुई नोटबुक 1976 में मिली जिसमें उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिनों में किए गए कार्यो का विवरण था ।
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