Maa Durga Ji Ki Aarti: जय अम्बे गौरी माँ दुर्गा

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मुख्य बातें:

  • माँ दुर्गा आरती के क्या लाभ है
  • माँ दुर्गा की पूजा क्यों करनी चाहिए
  • नवरात्रि में माँ दुर्गा की पूजा अर्चना और आरती अवश्य करे.

Navratri Maa Durga Ji Ki Aarti: जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी

वैसे तो हिन्दू धर्म मे बहुत से देवी और देवताओं की पूजा की जाती है । पूजा के माध्यम से हिन्दू अपने आराध्य को सम्मान देते है और आशीर्वाद प्राप्त करते है । माँ दुर्गा शक्ति की प्रतीक है। माँ दुर्गा को आदि शक्ति भी कहा जाता है। माँ दुर्गा की पूजा अर्चना करने से शान्ति समृद्धी का आशीर्वाद प्राप्त होता है । इसके साथ राक्षसी शक्तियों का विनाश होता है.

माँ दुर्गा की आरती क्यों करते है ?

माँ दुर्गा की आरती करने से शुभ लक्षण प्राप्त होते है और धन, ऐश्वर्य सांसारिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है। जीवन का लक्ष्य पूर्ण होता है।

माँ दुर्गा जी की आरती क्या है. What is Maa Durga aarti in Hindi ?

Durga Chalisha

जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी।

तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥1॥

मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को ।

उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥2॥

कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।

रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥3॥

केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी ।

सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥4॥

कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती ।

कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥5॥

शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती ।

धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥6॥

चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू।

बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥7॥

भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी।

मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥8॥

कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती ।

श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥9॥

श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै ।

कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥10॥

दुर्गा मां के इन मंत्रों का करें जाप करने से मनोकामना पूरी होती है ?

1. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

2. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

3. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

दुर्गा माँ की आरती और दुर्गा चालीसा रोज गाना चाहिए । माँ दुर्गा आरती और माँ दुर्गा चालीसा का नवरात्रों मे बहुत स्थान है । नवरात्रों मे पूजा अर्चना करने से सारे दुख दूर होते है और सुख समृद्धि आती है ।

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