आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की (Kunj Bihari Shri Girdhar Krishna Murari)

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आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की Lyrics in Hindi in 2022: Read here aarti Kunj bihari ki in hindi.

श्री कृष्ण भगवान की आरती in hindi:

भगवान श्रीकृष्ण विष्णु भगवान के आठवे अवतार है । भगवान श्रीकृष्ण मे सभी जनमानस को भागवत गीता का उपदेश दिया था । भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भद्रपक्ष महिने के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra) में हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) का जन्म मथुरा मे हुआ था । जैसे सभी देवी देवताओ की उत्पत्ति का कोई कारण होता है उसी तरह से भगवान श्री कृष्ण का जन्म बुरी शक्तियों और राक्षसों का वध करने के लिए हुआ था ।

हिन्दू मान्यताओ के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण भागवत गीत का उपदेश देने के लिए हुआ था । भागवत गीत का ज्ञान सभी जनमानस के लिए एक जीने का आधार है । हिन्दू धर्म मे कृष्ण जन्म अष्टमी बहुत धूम धाम से मनाई जाती ।

कृष्ण भगवान की भक्ति उनकी पूजा करके की जाती है । कृष्ण की पूजा करने के लिए आसपास के मंदिरों और घरों में कृष्ण की पालकी सजाते हैं और उनकी विधिवत पूजा अर्चना और उनकी आरती करते हैं। कृष्ण की आरती इस प्रकार है ।

Aarti kunj bihariki Girdhar krishna muririki Lyrics
Aarti kunj bihariki Girdhar krishna muririki Lyrics

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।

बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा

बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,

चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥


आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

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