2022 Laxmi Ji Ki Aarti: मां लक्ष्मी की आरती, पढ़े ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
2022 Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi (ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता आरती): माता लक्ष्मी जी की पूजा किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने के पहले करते है । मा लक्ष्मी धन और वैभव की देवी है । लक्ष्मी की पूजा करने से हर तरह की मान्यताए पूरी होती है और माता प्रसन्न होकर सौभाग्य और धन का आशीर्वाद देती हैं। विशेष पूजा-अर्चना करने से सभी कार्य शीघ्र पूर्ण हो जाते हैं।
मुख्य बाते :
- माता लक्ष्मी धन और वैभव की देवी है ।
- हर हिन्दू घर मे दीपावली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा होती है ।
- बिजनस करने वाले लोग खास तौर से दीपावली के दिन माता लक्ष्मी जी पूजा करते है ।
2022 Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi: माँ लक्ष्मी की पूजा गणेश जी की पूजा के साथ भी होती है । दीपावली के दिन पूजा करने का विशेष महत्व है । हर हिन्दू परिवार मे दीपावली के दिन लक्ष्मी गणेश की पूजा होती है ।
वैसे तो हिन्दू धर्म मे हर रोज कुछ ना कुछ पर्व रहता है । हिन्दू धर्म रंग बिरंगों त्योहारों से भरा है । हर दिन की किसी देवी देवता का दिन है । वैसे तो माता लक्ष्मी की पूजा कभी भी कर सकते है किसी दिन कर सकते है । माता लक्ष्मी का दिन शुक्रवार को होता है । माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर धन धान्य से पूर्ण हो जाता है और समृद्धि आती है ।
आइये आप जानते है माता लक्ष्मी की आरती क्या होती है हिन्दी मे ।
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥
पद्मालये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।
सर्वभूत हितार्थाय,
वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
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