श्री शनि देव: आरती कीजै नरसिंह कुंवर की (Shri Shani Dev Aarti Keejai Narasinh Kunwar Ki in hindi)

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मुख्य बाते :

  • शनिदेव भगवान सूर्य के पुत्र है। शनिदेव यम के भाई भी है और न्याय के देवता भी है ।
  • शनि देव की पूजा तिल से की जाती है ।
  • शनिदेव के कुल 12 अवतार है ।

2022 Shani dev ji ki aarti hindi me: शनिदेव की पूजा शनिवार के दिन की जाती है । शनि देव को न्याय देवता के रूप मे माना जाता है । शनि देव हिन्दू धर्म के लिए महत्वपूर्ण देवता के रूप मे पूजा की जाती है । शनि देव की पूजा जीवन मे बुराई और बढ़ाओ को दूर करने के लिए की जाती है । आज हम जानेंगे शनि देव भगवान कौन है और शनिदेव किसके अवतार है ।

शनिदेव भगवान कौन है ?

शनिदेव भगवान सूर्य के पुत्र है। शनिदेव यम के भाई भी है और न्याय के देवता भी है । सूर्य देव ने अपने शाप से शनि देव के घर को जला दिया था । शनि देव ने तिल से अपने पिता सूर्यदेव की जिससे सूर्य देव प्रसन्न हो गए । इसके उपरांत शनि देव और सूर्य की पूजा तिल से करने की परंपरा शुरू हुई ।

शनिदेव के कितने अवतार है ?

शनिदेव के कुल 12 अवतार है । हर रूप की शनि की पूजा होती है ।

शनिदेव की पूजा क्यों और किस समय करनी चाहिए ?

शनिदेव की पूजा आरंभ करने से पहले सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा करे । उसके उपरांत मंदिर में तेल का दीपक जलाएं पूजा प्रारंभ करें । भगवान शिव औऱ हनुमान जी को भोग लगाए और फूल चढ़ाएं। पूजा के अंत में 21 बार शनिदेव महाराज के मंत्रों का जाप करें और अंत में कपूर से आरती करें। पूजा के दिन उपवास करें और शाम को पूजा दोहराकर पूजा का समापन करें ।

आरती कीजै नरसिंह कुंवर की ।
वेद विमल यश गाउँ मेरे प्रभुजी ॥

पहली आरती प्रह्लाद उबारे ।
हिरणाकुश नख उदर विदारे ॥

दुसरी आरती वामन सेवा ।
बल के द्वारे पधारे हरि देवा ॥

तीसरी आरती ब्रह्म पधारे ।
सहसबाहु के भुजा उखारे ॥

चौथी आरती असुर संहारे ।
भक्त विभीषण लंक पधारे ॥

पाँचवीं आरती कंस पछारे ।
गोपी ग्वाल सखा प्रतिपाले ॥

तुलसी को पत्र कंठ मणि हीरा ।
हरषि-निरखि गावे दास कबीरा ॥

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